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14 शार्ट स्टोरी लघुकथा = नट ( जेनर = हॉरर )

शीर्षक =नट

जेनर = हॉरर


ट्रिंग,,,, ट्रिंग,,,,, ट्रिंग,,,। घड़ी में रात के ठीक बारह बजे थे इसलिए घड़ी में लटका लट्टू बारह बजते ही दौलन करने लगा।

रात इतनी काली की अमावस्या की रात भी उसके सामने फीकी लगे। और उस काली रात में पास ही के एक जंगल से कुत्तो और भेडियो की ऊ,,,,, ऊ,,,, ऊ,,,, की आवाज़े उस रात को और भयानक बना रही थी।


तभी दरवाजे के खुलने की आहट होती चिर,, र,,, र,,,, और एक आवाज़ उस कमरे के खुलते ही पास के जंगल से आती " आओ मेरे पास आओ लड़के, मैं तुम्हारा दोस्त हूँ "

ये आवाज़ जब उस कमरे में सो रहे एक 14 साल के लड़के के कानो में पड़ी तब उसने घबरा कर अपनी आँखे खोली तो देखा उसका दरवाज़ा खुला था।

वो डरते डरते अपने बिस्तर से उठा और हलके से दरवाज़ा बंद किया। तभी उस दरवाज़े में लगी दूरबीन( जिससे देखा जाता है कि बाहर कौन आया है )से एक  तेज रौशनी उसके कमरे में आ रही थी।


जबकी बाहर सिवाय अंधकार के कुछ ना था। उस लड़के ने जिसका नाम मोहसिन था उसने उस रौशनी के उपर हाथ रखा डरते डरते। वो रौशनी रुक गयी। जैसे ही उसने ऊँगली हटाई रौशनी दोबारा आने लगी।


उस रौशनी के साथ एक धीमी धीमी आवाज़ भी आ रही थी। जो की सुनाई नही दें रही थी। मोहसिन जिसका दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था वो किसी को उठाना चाह रहा था लेकिन किसे उठाता। उसकी दादी अपने कमरे में सो रही थी और माँ बाप का एक्सीडेंट हो गया था। अभी कुछ महीनों पहले। वो तन्हा था उस समय।


काफी महीनों तो वो खुद को कमरे में बंद किए हुए था अपने अम्मी अब्बू के जाने के गम में। उनकी अचानक मौत ने उसे एक झटका पहुंचाया जो उसके दिल और दिमाग़ पर जाकर लगा।


मोहसिन ने डरते डरते अपना मुँह उस छेद के पास लाया और अपना कान आगे बढ़ाया। पहले तो हवा की सन,,,, सन,,,, सन की आवाज़ आयी फिर एक ज़ोर की आवाज़ उसके कानो में आयी " मोहसिन, आओ मेरे पास मैं तुम्हारा दोस्त "

ये सुन मोहसिन ने अपना कान दरवाज़े से हटाया और अपने कान बंद कर लिए 


और पास में पड़े  अपने बिस्तर पर  लेट गया। लेकिन वो आवाज़  अब भी उसके कानो में आ  रही  थी । वो दोबारा उठा  और उस आवाज़  का पीछा  करने लगा । वो डर रहा  था । उसकी दादी अपने कमरे  में सो रही  थी ।


चारो  और अंधेरा  छाया  था । वो ना चाह कर  भी  उस आवाज़ के पीछे  पीछे चलने  लगा। और देखते  ही देखते  वो उस अँधेरे  जंगल  में घुसता  चला  गया  जहाँ सिर्फ और सिर्फ अंधेरा  था ।

आओ  मेरे पास  मोहसिन मैं तुम्हारा दोस्त हूँ जिससे तुम अपनी दिल की बाते करते  थे । आओ  मेरे पास


मोहसिन उस आवाज़  का पीछा  करते  हुए  काफी अंदर  तक  चला  गया । तभी  उसे सामने एक नदी  दिखी  जिसपर  एक पुल बना  था  और एक शख्स  चादर  ताने लेटा था ।


मोहसिन डरते  हुए  उसके पास गया  और बोला " कौन हो तुम और तुम मेरे दोस्त को कैसे जानते हो। उसके बारे में तो सिर्फ मुझे  पता  है  क्यूंकि वो मुझसे  इसी जंगल  में मिलता था । और बाहर  आने  से डरता  था  तुम कौन हो। "


"मैं तुम्हारा दोस्त अजय  जिससे तुम पिछले  कुछ  दिनों से मिल रहे  हो, पहचानो  मुझे  मैं ही तुम्हारा दोस्त हूँ मुझसे  ही तुम बाते किया करते  थे । सब  से छिपकर ।" उस शख्स  ने कहा चादर  के अंदर  से.


नही तुम मेरे दोस्त नही हो, मेरा दोस्त मेरी बराबर  था । मुझे  अपना चेहरा  दिखाओ ।

मोहसिन ने डरते  डरते  जैसे ही उसकी चादर  हटाई  उसकी चीख निकल गयी । उसकी गर्दन  नही थी  सिर्फ धड  था ।

वो वहा  से भागने  लगा  लेकिन भाग  ना सका  वो एक नट था  जो की उस जंगल  से बहने  वाली नदी  के उपर रहता  था। गांव वालो को भी  वो भेष  बदल कर  सताता  था  और जो भी  उसकी आँखों  में देख लेता उसे वो अपना गुलाम बना  लेता और वो इंसान रात को उठ  उठ  कर  उसके पास  जाता।


गांव वालो ने दोपहर  के समय  उस जंगल  में जाने से मना कर  रखा  था  सबसे  लेकिन एक दिन मोहसिन उस जंगल  में चला  गया  जहाँ वो नट  उससे एक बच्चे  के रूप में मिला था  तब  से ही उसने उसको अपने वश  में कर  लिया था । क्यूंकि मोहसिन तन्हा था  उसके अम्मी अब्बू मर  चुके  थे  इसलिए  उसने उसे आसानी  से अपने वश  में कर  लिया।


थोड़ी  देर बाद सुबह हुयी। जब  मोहसिन की दादी ने उसे घर  में ढूंढा  तब  नही मिला बाहर  भी  नही मिला। गांव वालो को जब  पता  चला  तो उन्होंने जंगल  में देखा  जहाँ वो बेहोश  पड़ा  था  और उसकी आँखे  लाल हो रही  थी ।

सब  समझ  गए  थे  की इसे नट  ने अपने काबू में कर  लिया है । उसे घर  ले जाया गया  और बांध  दिया गया  और रात का इंतज़ार  किया। जैसे ही बारह बजे  उसकी आँखे  जो सुबह से बंद  थी  खुल  गयी  और बिलकुल लाल हो गयी ।


उसने जब  अपने आप को बंधा पाया तो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगा। और उस रस्सी को तोड़ने की कोशिश  करने  लगा  उसके कानो में नट की आवाज़  आ  रही  थी  जो उसे अपने पास  बुला रहा  था ।


काफी देर बाद वो रस्सी तोड़ कर  भाग  गया। गांव वाले उसके पीछे  गए  लेकिन जंगल  के अंदर  नही गए  अगर  वो भी  अंदर  जाते तो वो नट  उन्हें भी  अपना गुलाम बना  लेता किसी ना किसी रूप में आकर ।


उसकी दादी रोने लगी  और सब  सुबह का इंतज़ार करने  लगे। मोहसिन फिर  बेहोश  हालत  में जंगल  में मिला।

रोज़ ही यही  होता वो अपनी बंधी रस्सीयो को तोड़ता और वहा  से भाग  जाता। उसकी दादी परेशान थी । क्यूंकि उस गांव में कोई भी  ऐसा नही था  जो उसका तोड़ कर  सके ।


लेकिन एक तांत्रिक था  जिससे वो नट  डरता  था  क्यूंकि वो कभी  उसका चेला  हुआ करता  था । लेकिन उसने अपने आप  को अमर करने  के लिए  काली विद्या का सहारा  लिया और नट  बन  गया ।


वो तांत्रिक ही एक मात्र उपाय था  मोहसिन को उस नट  से बचाने  का। उस तांत्रिक ने अब तक उस गांव के कई  लोगो को उस नट  से बचाया  था।


उस रात भी  मोहसिन को कुर्सी से बांधा गया  लेकिन बारह बजते  ही ना जाने उसे किया हो जाता कि वो अपनी रस्सी तोड़ कर  उस जंगल  की तरफ  भाग  पड़ता ।

उस रात भी  वो भागने  लगा  लेकिन तभी  उसके सामने वो तांत्रिक आ  पंहुचा  जो उसके सामने रूकावट  बन कर  खड़ा  हो गया । क्यूंकि अगर  कोई उस नट  के पास  उस वश  में हुए  इंसान को कुछ  देर के लिए  रोक लेता था  तो वो उसके वश  से बाहर  आ  जाता था ।लेकिन ये इतना आसान  नही था। एक शैतान  के रास्ते की रूकावट  बनना  


उस नट  ने मोहसिन के जिस्म पर  अपना अधिपत्य  जमा  लिया था  उसने उस तांत्रिक को बेहद  नुकसान पहुंचाने  की कोशिश  की लेकिन वो तांत्रिक भी  बहुत  सारी काली विद्या जानता था  और उन्ही के बलबूते वो उस रात खुद  को नुकसान पंहुचा  कर  मोहसिन को उसके पास  जाने से रोक सका ।


वो रात अमावस्या की रात थी  जब  आसमान  में सिर्फ अंधकार  ही अंधकार  था । लेकिन उस तांत्रिक की मदद  से उस रात मोहसिन को उसके पास  जाने से रोक लिया गया  और अगली सुबह उसकी आँखे  भी  सही  हो गयी  थी ।


इतने हफ्तों से जो कुछ  भी  मोहसिन के साथ  हुआ उसे कुछ  याद नही था । तांत्रिक ने उसकी दादी से कहा " आप  इसको यहाँ से कही दूर  ले जाइये क्यूंकि इसे अपने माँ बाप के जाने का सदमा  है  हो सकता  है  ये फिर  किसी दिन उदास हो कर  उस जंगल  में चला  जाए और वहा  वो खबीस नट  इसे अपने वश में करले  "


उसकी दादी ने वो घर  छोड़  दिया और कही  दूर  चली  गयी । मोहसिन को अब भी कभी  कभी  ख्वाब आते  है  जो कुछ  भी  उसके साथ  हुआ था ।



ये कहानी  एक सत्य घटना  है । जो की कभी  मेरे बचपन  में घटित  हुयी थी  क्यूंकि उस समय  जंगल  हुआ करते  थे  जिनमे बहुत  सी बुरी शक्तियां अपना वास करती  थी  उन्ही में से वो एक नट  भी  था जिसने अपना बसेरा  उस जंगल  और उसमे बहने  वाली नदी  के उपर  बनाया  था ।

जेनर  = हॉरर  



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4 Comments

Neelam josi

21-May-2022 04:05 PM

Very nice 👌

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Fareha Sameen

20-May-2022 08:51 PM

Nice

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Punam verma

20-May-2022 10:41 AM

Very nice

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